लोन चाहिए तो पहले Cibil Score की रेंज को समझिए, जानें कितने स्कोर पर मिलेगा सस्ता कर्ज और कब बैंक कह सकता है ‘NO’!
जानें कितने सिबिल स्कोर पर बैंक आपका लोन आवेदन खारिज कर सकता है. 750+ क्यों है बेस्ट और 650 से कम स्कोर के क्या हैं मायने? जानें सिबिल स्कोर रेंज और लोन अप्रूवल की पूरी जानकारी आसान भाषा में.
क्या आप भी अपने सपनों का घर खरीदने, नई गाड़ी लेने या किसी निजी ज़रूरत के लिए लोन लेने की सोच रहे हैं? अगर हां, तो बैंक के दरवाज़े पर दस्तक देने से पहले आपको एक तीन अंकों के नंबर के बारे में जान लेना चाहिए, जिसे सिबिल स्कोर (CIBIL Score) या क्रेडिट स्कोर कहते हैं. ये स्कोर आपकी वित्तीय साख का आईना है और यही तय करता है कि बैंक आप पर भरोसा करके लोन देगा या नहीं.
अक्सर लोग लोन के लिए आवेदन कर देते हैं और बाद में रिजेक्शन का सामना करते हैं, जिसका सबसे बड़ा कारण होता है- खराब सिबिल स्कोर. यहां समझते हैं कि वो कौन-सा स्कोर है, जिसके नीचे बैंक आपको लोन देने से साफ इनकार कर सकता है और सिबिल स्कोर की अलग-अलग रेंज का असल में क्या मतलब होता है.
क्या है सिबिल स्कोर और यह क्यों है इतना ज़रूरी?
सिबिल स्कोर 300 से 900 के बीच का एक नंबर होता है, जिसे ट्रांसयूनियन सिबिल (TransUnion CIBIL) जैसी क्रेडिट ब्यूरो एजेंसियां तैयार करती हैं. ये स्कोर आपके पिछले सभी लोन और क्रेडिट कार्ड के भुगतानों का रिकॉर्ड होता है. आसान भाषा में, ये आपका वित्तीय रिपोर्ट कार्ड है. अगर आपने हमेशा अपनी EMI और क्रेडिट कार्ड के बिल समय पर चुकाए हैं, तो आपका स्कोर अच्छा होगा. वहीं, अगर आप भुगतान में देरी या चूक करते हैं, तो आपका स्कोर गिर जाता है. बैंकों के लिए ये स्कोर भरोसे का मीटर है. अच्छा स्कोर मतलब आप एक ज़िम्मेदार कर्जदार हैं और खराब स्कोर का मतलब है कि आपको लोन देने में जोखिम ज़्यादा है.
कब बैंक कर सकता है लोन देने से इनकार?
अब आते हैं सबसे बड़े सवाल पर कि आखिर कितने स्कोर पर बैंक लोन देने से मना कर सकता है. एक सामान्य नियम के तौर पर, 650 के स्कोर को एक लक्ष्मण रेखा की तरह समझा जा सकता है. इससे नीचे का स्कोर ये संकेत देता है कि व्यक्ति अपने पिछले कर्जों को चुकाने में अनियमित रहा है, जिससे वो बैंक के लिए एक ‘हाई-रिस्क’ ग्राहक बन सकता है. ऐसे में 650 से कम के सिबिल स्कोर पर ज़्यादातर बैंक और वित्तीय संस्थान लोन देने से इनकार कर सकते हैं. हालांकि, ये कोई पत्थर की लकीर नहीं है. कुछ नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां (NBFCs) शायद आपको 600-650 के स्कोर पर भी लोन दे दें, लेकिन उसकी ब्याज दर बहुत ज़्यादा होगी और शर्तें भी बेहद कड़ी होंगी. एक आदर्श स्कोर 750 या उससे ज़्यादा माना जाता है. इस स्कोर पर न सिर्फ आपका लोन आसानी से अप्रूव होता है, बल्कि आपको कम ब्याज दर और बेहतर शर्तों पर लोन मिलने की संभावना भी बढ़ जाती है.
सिबिल स्कोर की रेंज के मायने: आपका स्कोर क्या कहता है?
सिबिल स्कोर रेंज | कैटेगरी | बैंक की नज़र में इसका मतलब |
750 – 900 | शानदार (Excellent) | आप बैंक के सबसे पसंदीदा ग्राहक हैं. आपको लोन मिलना लगभग तय है और आपको सबसे कम ब्याज दर और बेहतरीन ऑफर्स मिलेंगे. |
650 – 749 | अच्छा (Good) | ये एक संतोषजनक स्कोर है. बैंक आपके लोन आवेदन पर विचार करेगा और अप्रूवल के चांस काफी ज़्यादा हैं, लेकिन हो सकता है कि आपको बेस्ट ब्याज दर न मिले. |
550 – 649 | औसत/खराब (Fair/Poor) | ये एक जोखिम भरा स्कोर है. ज़्यादातर बड़े बैंक यहां लोन देने से बचते हैं. अगर लोन मिलता भी है, तो वो बहुत ऊंची ब्याज दरों पर और कड़ी जांच-पड़ताल के बाद ही मिलेगा. |
300 – 549 | बहुत खराब (Very Poor) | इस स्कोर पर लोन मिलना लगभग नामुमकिन है. ये दिखाता है कि आपका भुगतान रिकॉर्ड बहुत खराब है और कोई भी बैंक आप पर भरोसा नहीं करेगा. |
N/A या -1 | कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं | इसका मतलब है कि आपने पहले कभी कोई लोन या क्रेडिट कार्ड नहीं लिया है. ऐसे में कुछ बैंक आपको ‘नया’ ग्राहक मानकर लोन देने में हिचकिचा सकते हैं, क्योंकि आपके वित्तीय व्यवहार को आंकने का कोई आधार नहीं होता. |
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
प्रश्न 1: मैं अपना सिबिल स्कोर फ्री में कैसे चेक कर सकता हूं?
उत्तर: आप अपना सिबिल स्कोर साल में एक बार आधिकारिक सिबिल वेबसाइट (cibil.com) से फ्री में देख सकते हैं. इसके अलावा, कई वित्तीय प्लेटफॉर्म जैसे Paytm, PhonePe वगैरह भी क्रेडिट स्कोर मुफ़्त में चेक करने की सुविधा देते हैं.
प्रश्न 2: मेरा सिबिल स्कोर 750+ है, फिर भी मेरा लोन क्यों रिजेक्ट हो गया?
उत्तर: सिबिल स्कोर लोन अप्रूवल का सिर्फ एक हिस्सा है, हालांकि ये सबसे ज़रूरी है. आपका लोन अच्छे स्कोर के बावजूद भी इन कारणों से रिजेक्ट हो सकता है:
अपर्याप्त आय (Insufficient Income):आपकी आय मांगी गई लोन राशि की EMI चुकाने के लिए कम हो सकती है.
अस्थिर रोज़गार (Unstable Employment):अगर आप हाल ही में नई नौकरी पर लगे हैं या आपका काम स्थायी नहीं है.
पहले से चल रहे लोन (Existing Debt):अगर आपके ऊपर पहले से ही बहुत सारे लोन चल रहे हैं, तो बैंक को लग सकता है कि आप और EMI का बोझ नहीं उठा पाएंगे.
बैंक की आंतरिक नीतियां (Bank’s Internal Policy):हो सकता है कि आप बैंक के अन्य मानदंडों, जैसे कि उम्र, निवास स्थान या प्रोफेशन, पर खरे न उतर रहे हों.
प्रश्न 3: मेरा सिबिल स्कोर बहुत खराब है. इसे सुधारने का सबसे तेज़ तरीका क्या है?
उत्तर: सिबिल स्कोर सुधारने में समय लगता है, ये रातों-रात नहीं होता. लेकिन कुछ कदम उठाकर आप इसे 6 से 12 महीनों में काफ़ी बेहतर कर सकते हैं:
समय पर भुगतान करें:अपनी सभी EMI और क्रेडिट कार्ड बिलों का भुगतान हमेशा आखिरी तारीख से पहले करें. यह सबसे ज़रूरी कदम है.
क्रेडिट कार्ड का कम इस्तेमाल करें:अपने क्रेडिट कार्ड की कुल लिमिट का 30% से ज़्यादा खर्च करने से बचें.
पुराने खाते बंद न करें: आपके पुराने क्रेडिट खाते (लोन या कार्ड) आपकी लंबी क्रेडिट हिस्ट्री दिखाते हैं, जो स्कोर के लिए अच्छा है.
बार-बार लोन अप्लाई न करें:हर बार जब आप लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो एक “हार्ड इन्क्वायरी” (Hard Inquiry) होती है, जिससे आपका स्कोर थोड़ा कम हो सकता है.
प्रश्न 4: मेरा कोई सिबिल स्कोर नहीं है (स्कोर -1 या N/A दिखा रहा है), क्या मुझे लोन मिल सकता है?
उत्तर: -1 या N/A का मतलब है कि आपकी कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है. आपने पहले कभी लोन या क्रेडिट कार्ड नहीं लिया है. ऐसे में, बैंकों के पास आपके वित्तीय व्यवहार को जांचने का कोई डेटा नहीं होता. कुछ बैंक आपको लोन देने से हिचकिचा सकते हैं. इसका सबसे अच्छा उपाय है कि आप एक सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड (Secured Credit Card) (FD के बदले मिलने वाला कार्ड) लेकर अपनी क्रेडिट यात्रा शुरू करें और उसका बिल समय पर चुकाएं. इससे 6-8 महीनों में आपका स्कोर बन जाएगा.
प्रश्न 5: क्या लोन सेटलमेंट (Settlement) करने से सिबिल स्कोर पर बुरा असर पड़ता है?
उत्तर: हां, बहुत बुरा असर पड़ता है. लोन “क्लोज़” (Close) करने का मतलब है कि आपने पूरी रकम चुका दी है. वहीं, “सेटल” (Settle) करने का मतलब है कि आप पूरी रकम नहीं चुका पाए और बैंक ने कुछ छूट देकर खाते को बंद कर दिया. आपके सिबिल रिपोर्ट में “Settled” लिखा हुआ आता है, जिसे बैंक बहुत नकारात्मक रूप से देखते हैं और ये आपके स्कोर को कई सालों तक खराब रखता है. हमेशा कोशिश करें कि लोन को पूरी तरह चुकाकर ही बंद कराएं.